मेनोपॉज़ महिलाओं में होने वाली एक प्राकृतिक जैविक प्रक्रिया है, जो मासिक धर्म के अंत को दर्शाती है | चिकित्सीय रूप से इस समस्या का निदान तब किया जाता है, जब एक महिला को 12 महीने तक पीरियड्स न आएं, जो आमतौर पर 40 या फिर 50 की उम्र की शुरुआत में होता है | मेनोपॉज़ एक प्राकृतिक तत्व होने के बावजूद भी यह महिलाओं के शारीरिक और भावनात्मक स्थिति में बदलाव ला सकता है, जो उनके रोज़मर्रा ज़िन्दगी को बाधित कर देता है | आइये जानते है मेनोपॉज़ के कितने चरण होते है :-
मेनोपॉज़ के कितने चरण होते है ?
मेनोपॉज़ को विशेष रूप से तीन चरणों में विभाजित किया गया है, पहला है प्री-मेनोपॉज़, दूसरा है मेनोपॉज़ और तीसरा है पोस्ट-मेनोपॉज़ |
- प्री-मेनोपॉज़ :- यह मेनापॉज होने से पहले का परिवर्तनकाल होता है, जो अक्सर महिलाओं में 40 उम्र के शुरूआती चरणों में होने लग जाता है | ऐसा इसलिए होता है क्योंकि जब महिलाओं के अंडाशय में अंडे कम होने लग जाते है और शरीर में हार्मोन का स्तर बदलने लग जाता है तो इससे एस्ट्रोजेन का स्तर कम होने लग जाता है, जो प्री-मेनोपॉज़ होने के मुख्य लक्षण बनते है |
- मेनोपॉज़ :- यह चरण तब उत्पन्न होता है जब एक महिला को पिछले 12 महीने से पीरियड्स नहीं आये होते है | जो आमतौर पर 51 वर्ष की आयु के आस-पास महिलाओं को होता है | ऐसा तब होता है, जब अंडाशय एस्ट्रोजेन और प्रोजेस्ट्रोन का उत्पादन करना कम कर देता है, जिससे महिलाओं में मासिक प्रजनन की क्षमता समाप्त हो जाती है |
- पोस्ट-मेनोपॉज़ :- मेनोपॉज़ होने के बाद महिलाओं में पोस्ट- मेनोपॉज़ शुरू हो जाता है, जो महिलाओं के बाकि के जीवन समय तक रहता है | इस दौरान हार्मोन का स्तर काफी कम हो जाता है और मेनोपॉज़ होने के लक्षण भी धीरे-धीरे कम होने लग जाते है | हालांकि कम हार्मोन स्तर होने की वजह से स्वास्थ्य से संबंधित समस्याएं जैसे की ऑस्टियोपोरोसिस और हृदय से संबंधित समस्यों का जोखिम कारक बढ़ जाता है | इसलिए इस समस्या से पीड़ित महिलाओं के लिए यह महत्वपूर्ण हो जाता है कि नियमित रूप से चिकित्सा जांच करवाते रहे |
यदि आप में से कोई भी महिला ऐसी किसी परिस्थिति से गुजर रही है तो इलाज के आप एमेरिटस हॉस्पिटल के सीनियर कंसल्टेंट डॉक्टर शुचिता बत्रा से परामर्श कर सकते है | आइये जानते है मेनोपॉज़ होने के मुख्य लक्षण और कारण क्या है :-
मेनोपॉज़ के मुख्य लक्षण क्या है ?
मेनोपॉज होने के मुख्य लक्षण व्यापक रूप से बिल्कुल भिन्न होते है, जिसमें आपको हॉट फ़्लैश, रात को सोते समय पसीना आना और अनियमित रूप से मासिक धर्म चक्र होने का अनुभव हो सकता है | इसके साथ-ही मूड स्विंग, चिड़चिड़ापन और नींद में खलल जैसे लक्षण भी दिखाई दे सकते है | मेनापॉज के दौरान होने वाले शारीरिक परिवर्तन जैसे की वजन का नियमित रूप से अधिक बढ़ना, बाल का पतला होना, त्वचा में सूखापन आने जैसे लक्षण भी शामिल हो सकते है | इसके अलावा :-
- सोने में परेशानी होना
- मूत्र संबंधित तात्कालिक का आभास होना यानी अधिक बार पेशाब करने की इच्छा होना
- हृदय संबंधित समस्याएं जैसे की बीच-बीच में चक्कर आना, हृदय की धड़कन का अचानक से तेज़ होना या फिर सुन्नपन, किसी नुकीली चीज़ के चुभन का एहसास होना, झुनझुनी जैसे असामन्य अनुभूति आदि शामिल है |
- योनि में सूखापन, जिससे यौन संबंध बनाने के दौरान परेशानी हो सकती है |
- अनियमित रूप से मासिक धर्म या फिर सामान्य से ज्यादा भारी या फिर हल्का मासिक धर्म भी हो सकता है |
मेनोपॉज़ कितने समय तक रहता है ?
अधिकतर मामलों में महिलाएं लगभग 5-6 साल तक मेनोपॉज़ के लक्षणों का अनुभव कर सकती है | लेकिन कई बार कुछ महिलायें इससे भी अधिक समय तक मेनोपॉज़ के लक्षणों से गुजर सकती है | कुछ महिलाओं को तो दस साल तक इन लक्षणों से सामना करना पड़ जाता है |
महिलाओं में मेनोपॉज़ क्यों होता है ?
जैसे-जैसे महिलाओं की उम्र बढ़ने लग जाती है, उनके शरीर में मौजूद अंडाशय एस्ट्रोजेन और प्रोजेस्ट्रोन, जो मासिक धर्म को नियंत्रित करने का कार्य करते है, उनका उत्पादन करना बंद कर देता है, जिसकी वजह से उनमें प्रजनन क्षमता काफी कम हो जाती है, जो मेनोपॉज़ होने का कारण बनते है |
मेनोपॉज़ का कैसे किया जाता है इलाज ?
मेनोपॉज़ का मुख्य रूप से इलाज आपके लक्षणों और मासिक धर्म चक्र के इतिहास के आधार पर ही किया जाता है | इसके आलावा अगर स्थिति काफी गंभीर हो गयी है तो इसके इलाज के लिए सर्जिकल प्रक्रिया तक करवाने की ज़रूरत पड़ सकती है | यदि आप भी ऐसे ही समस्या से गुजर रहे है तो इस समस्या के इलाज में एमेरिटस हॉस्पिटल आपकी पूर्ण रूप से मदद कर सकता है | इस संस्था के सीनियर कंसल्टेंट डॉक्टर शुचिता बत्रा पंजाब के बेहतरीन ऑस्ट्रेटिक्स और गायकनलोजिस्ट स्पेशलिस्ट में से एक है, जो पिछले 8 सालों से मेनोपॉज़ से पीड़ित महिलाओं का सटीकता से इलाज कर रही है | इसलिए आज ही एमेरिटस हॉस्पिटल की ऑफिसियल वेबसाइट पर जाएं और परामर्श के लिए अपनी अप्पोइन्मेंट को बुक करें | इसके अलावा आप अगर चाहे तो वेबसाइट पर दिय गए नंबरों से सीधा संस्था से बात-चित भी कर सकते है |