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महिलाओं में बवासीर की समस्या क्या है और इस दौरान किस तरह के लक्षण नज़र आते है ?

बवासीर एक बहुत ही मुसीबत भरी बीमारी है। जिसमें व्यक्ति का उठना-बैठना तक मुश्किल हो जाता है। यह बहुत से लोगों को हो जाती है। बवासीर गुदा में अंदर की तरफ या बाहर मस्सों को पैदा कर देती है। जिसमें बहुत दर्द भी होता है और कभी तो खून भी आता है। लेकिन बवासीर का समय पर उपचार कर इससे राहत पाई जा सकती है। तो चलिए जानते है की महिलाओं में बवासीर के दौरान किस तरह के लक्षण नज़र आते है, और इस समस्या से वह कैसे खुद का बचाव आसानी से कर सकती है, इसके बारे में चर्चा करेंगे ;

बवासीर की समस्या क्या है ?

  • बवासीर को पाइल्स भी कहते है। यह एक तकलीफ से भरी बीमारी है। इसमें गुदा के अंदर की तरफ और बाहर की तरफ सूजन की समस्या आ जाती है। बवासीर गुदा नहर में एक तरह की रक्त वाहिकाएं होती है। यह फैल भी जाती है।
  • बवासीर में गुदा के अन्दर और बाहर मस्से हो जाते है। और वहीं बवासीर दो तरह की होती है। आंतरिक बवासीर और बाहरी बवासीर। 60% लोगों में यह जीवन में कभी ना कभी होती ही है।
  • बाहरी बवासीर में गुदा बाहर होती है जो त्वचा से ढकी होती है। बाहरी बवासीर को देखा जा सकता है।
  • आंतरिक बवासीर गुदा नहर के अंदर होती है। जिसे देख नहीं सकते है आंतरिक बवासीर से खून बहने की संभावना अधिक होती है। स्थिति गंभीर होने पर यह बढ़ भी जाती है।

महिलाओं में बवासीर के दौरान किस तरह के लक्षण नज़र आते है ?

  • गुदा क्षेत्र में खुजली होती है और तेज जलन भी होती है। इसके साथ ही लालीपन की समस्या भी उत्पन्न हो जाती है।  
  • मरीजों को शौचालय जाने के बाद भी ऐसा लगता है जैसे फिर से मल त्याग करने की आवश्यकता हो।
  • शौच करने के दौरान जलन के साथ खून का आना।
  • गुदा के आसपास दर्द का होना। और कभी-कभी यह दर्द असहनीय भी हो जाता है।
  • गुदा के आसपास सूजन का आना और सख्त गांठ का बन जाना।
  • अंडरवियर में या टॉयलेट पेपर पर गुदा को पोंछने के बाद घिनौना बलगम का जमा होना।
  • शौच करने में अत्यधिक दर्द का महसूस होना। 
  • बवासीर से पीड़ित मरीज को शौच करने में बहुत परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।

महिलाओं में बवासीर के कारण क्या है ?

  • जो लोग गुदा मैथुन करते है उनमें पाइल्स की बीमारी देखी जाती है।
  • डिलीवरी में गुदा क्षेत्र पर दबाव पड़ने की वजह से महिलाओं को बवासीर होने का खतरा हो जाता है। इसलिए कुछ महिलाओं को प्रसव के बाद बवासीर की समस्या होती है।
  • अत्यधिक धूम्रपान और शराब शरीर के लिए हानिकारक होता है इसका ज्यादा सेवन करना बवासीर का कारण बनता है। यह शरीर में और भी बिमारियों को पैदा करने का कारण बनती है।
  • बवासीर की सबसे बड़ी वजह है कब्ज। कब्ज में मल कठोर हो जाता है। जिसकी वजह से मलत्याग करने में जोर लगाना पड़ता है और मस्से बाहर आ जाते है।
  • अधिकतर मोटी महिलाओं में भी पाइल्स होने का जोखिम रहता है। मोटापा भी इसका एक प्रमुख कारण है। मोटापे को कम करने के लिए रोज एक्सरसाइज करे।
  • महिला बवासीर का एक कारण यह भी होता है की जिन महिलाओं का काम लम्बे समय तक खड़े रहने का है उनमें भी यह समस्या पायी जाती है।
  • अक्सर भारी वजन उठाने की वजह से भी बवासीर की समस्या हो जाती है। तो अगर आप भी भारी वजन उठाने का काम करती है तो सावधानी बरते।
  • जो महिलाएं लगातार बैठी रहती है आलस करती है उनमें भी बवासीर से पीड़ित होने की संभावना ज्यादा रहती है।
  • अधिक तला एवं मसाले युक्त भोजन करने से भी बवासीर की समस्या हो जाती है।
  • भोजन का हमारे शरीर पर बहुत प्रभाव पड़ता है, अगर फाइबर युक्त भोजन नहीं किया जाये तो बवासीर की समस्या हो सकती है। इसलिए अपने खाने में फाइबर से युक्त भोजन शामिल करें।
  • गर्भावस्था के समय प्रोजेस्टेरोन हार्मोन में वृद्धि हो जाती है। यह नसों को आराम देने का काम करते है। जिससे नसों में सूजन आ जाती है। इससे प्रेग्नेंट महिला को कब्ज की समस्या हो जाती है और कब्ज की वजह से पाइल्स की समस्या उत्पन्न होती है।

अगर कब्ज की समस्या की वजह से बवासीर की समस्या का आपको सामना करना पड़ रहा है, तो इससे बचाव के लिए आपको लुधियाना में गैस्ट्रो डॉक्टर का चयन करना चाहिए।

बवासीर का इलाज घर पर कैसे किया जा सकता है ?

  • कब्ज से परेशान लोगों को मल को नरम करने के लिए ओटीसी फाइबर पूरक का उपयोग करना चाहिए। साइलियम और मिथाइलसेलुलोज दो सामान्य फाइबर पूरक है इसलिए बवासीर से बचाव के लिए खूब फाइबर का सेवन करें।  
  • इसमें घरेलू उपचार भी आपकी मदद करेंगे, जैसे ;
  • रोज स्नान के दौरान गुदा स्थान को गर्म पानी से साफ करें। सिर्फ पानी से साफ़ करें साबुन का उपयोग ना करें। साबुन से बवासीर बढ़ सकता है।
  • गुदा पर ठंडे सेक का भी उपयोग करें। इससे बवासीर की सूजन कम हो जाएगी। दर्द से मुक्ति पाने के लिए इबुप्रोफेन, एस्पिरिन खा सकते है।
  • पानी खूब पिएं रोज और 10 से 12 ग्लास पानी तो जरूर से पिएं। पानी शरीर से टॉक्सिन्स को बाहर कर देता है जिससे बीमारियां कम होती है।
  • विशेष रूप से योग और व्यायाम करें और एक जगह पर ज्यादा देर तक बैठे से बचे।
  • अगर दर्द ज्यादा हो रहा है तो प्रतिदिन 10 मिनट के लिए गर्म पानी के टब में बैठे। बाहरी बवासीर से राहत पाने के लिए गर्म पानी की बोतल पर बैठना भी लाभदायक होता है। यदि दर्द ज्यादा ही हो रहा है जो की असहनीय है तो ओवर-द-काउंटर सपोसिटरी का उपयोग करें। यह ऑनलाइन या फिर दुकानों में मिल जाएंगे।
  • वहीं अगर घरेलू उपचार करने पर भी आराम नहीं मिल रहा है तो डॉक्टर से इलाज करवाएं। डॉक्टर रबर बैंड बंधाव से इसका इलाज करते है। इसके अलावा इंजेक्शन थेरेपी या स्क्लेरोथेरेपी से भी इलाज किया जाता है। डॉक्टर एक रसायन को सीधे रक्त वाहिका में इंजेक्ट करते है। जिससे की बवासीर का आकार छोटा हो जाता है।

पंजाब में बवासीर का उपचार अनुभवी डॉक्टरों की मदद से आसानी से किया जा सकता है।

बवासीर के इलाज के लिए बेस्ट सेंटर !

अगर बवासीर की समस्या आपकी काफी बढ़ते जा रहीं है तो इससे बचाव के लिए आपको लुधियाना गैस्ट्रो एन्ड गयने सेंटर का चयन करना चाहिए। इसके अलावा महिलाओं में इस तरह की समस्या क्यों होती है इसके बारे में भी आपको हम उपरोक्त बता चुके है, तो कृपया उपरोक्त्त बातों को ध्यान में रखें अगर बवासीर की समस्या से खुद का बचाव करना चाहती है। 

निष्कर्ष :

महिलाओं में बवासीर की समस्या का होना काफी गंभीर बात है इसलिए इससे बचाव के लिए आपको जरूरी है की जितना जल्दी हो सकें इस समस्या से खुद का बचाव करें और किसी भी तरह की समस्या आने पर डॉक्टर का चयन करें।