Categories
Health Kartik Goyal The Medical Hub

जानिए एक्सपर्ट की जुबानी की क्या, एसिडिटी बन सकता है तेज सिर दर्द का कारण ?

बहुत से लोगों को एसिडिटी की समस्या होती है, जोकि कोई बड़ी बात नहीं है आज के समय में प्रदूषित खान-पान को लेकर। वहीं इसकी वजह से हमारा असामयिक और अस्वस्थ्य खानपान और दिनचर्या भी काफी प्रभावित होती है। लेकिन कई लोगों को एसिडिटी के चलते अन्य परेशानिया भी होने लगती है, जैसे एस‍िड‍िटी होने पर स‍िर में तेज दर्द का उठना भी आपस में सम्बन्धित है ;

क्या वाकई एस‍िड‍िटी के कारण स‍िर दर्द होता है ?

  • एसिडिटी आमतौर पर सिरदर्द और माइग्रेन से जुड़ी होती है। यह आंत-मस्तिष्क अक्ष के कारण होता है। आंत और मस्तिष्क के बीच एक संबंध होता है। कई अध्ययनों ने गैस्ट्रोओसोफेगल रिफ्लक्स रोग और सिरदर्द के बीच एक मजबूत कड़ी की पहचान भी की है।
  • वहीं एसिड रिफ्लक्स तब होता है जब पेट का एसिड अन्नप्रणाली में वापस चला जाता है, इसके बाद सीने में जलन होती है। यह एक क्षणिक या लगातार स्थिति हो सकती है। एसिड रिफ्लक्स के साथ सिरदर्द या माइग्रेन का संबंध हो सकता है। एक अध्ययन के अनुसार, जो लोग माइग्रेन से पीड़ित होते है उन्हें एसिड रिफ्लक्स होने का खतरा अधिक होता है। 
  • इसके अलावा, जो लोग लगातार सिरदर्द का अनुभव करते है, उनमें एसिड रिफ्लक्स की चिंता उन लोगों की तुलना में अधिक देखी जाती है, जिन्हें कम सिरदर्द होता है।
  • कुछ अनुभवी एक्सपर्ट के मुताबिक सिरदर्द की गोलियां, नॉन-स्टेरायडल, एंटी-इंफ्लेमेटरी दवाएं या पेन किलर्स जैसी दवाएं वास्तव में एसिडिटी बढ़ा सकती है। सिरदर्द एसिडिटी का कारण बन सकता है और इसके विपरीत और माइग्रेन इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम (आईबीएस) जैसी अन्य स्थितियों से भी जुड़ा हुआ हो सकता है।

एसिडिटी के कारण सिर दर्द होता है या नहीं इसके बारे में जानने के लिए आपको लुधियाना में गैस्ट्रो डॉक्टर का चयन करना चाहिए। 

एसिडिटी को किस तरीके से ठीक किया जा सकता है ?

  • एसिडिटी  को ठीक करने के लिए आपको विशेष रूप से रात में मसालेदार, फैटी या फिर भारी भोजन करने से बचना चाहिए।
  • किसी भी ऐसे भोजन को आहार से हटा दें जो ऐसिडिटी को बढ़ाता है और जिसके परिणामस्वरूप सिरदर्द होता है।
  • धूम्रपान और शराब का सेवन कम करें या फिर बंद ही कर दें तो ही अच्छा है।
  • रात का खाना जल्दी खा लें, शाम 7-8 बजे तक, जिससे रात के खाने और सोने के बीच कम से कम दो से तीन घंटे का समय मिल जाए। यह लेटने के कारण होने वाले एसिड रिफ्लक्स को कम करने और सिरदर्द को कम करने में मदद करेगा।
  • अतिरिक्त किलो वजन कम करने से एसिडिटी और सिरदर्द से संबंधित समस्याओं को दूर करने में भी मदद मिलती है।
  • अगर किसी दवाई के कारण आपको एसिडिटी की समस्या बढ़े तो इससे बचाव के लिए आपको एक बार डॉक्टर से जरूर सलाह लेना चाहिए। 

एसिडिटी की समस्या किसके कारण बढ़ती है !

  • पेट में एस‍िड‍िटी होने पर आपको अनहेल्‍दी फैटी फूड का सेवन नहीं करना चाह‍िए। क्युकी फैटी फूड में नमक, म‍िर्च, मसाला ज्‍यादा होता है, ज‍िससे स‍िर और पेट दोनों में दर्द हो सकता है।
  • अपनी डाइट को हल्‍का रखें। आपको पानी का सेवन ज्‍यादा से ज्‍यादा करना है, क्युकी पानी पीने से एस‍िड‍िटी तो दूर होगी ही साथ ही ब्रेन में ऑक्‍सीजन पहुंचने से स‍िर का दर्द भी ठीक हो जाएगा।
  • आपको तंबाकू का सेवन भी कम से कम करना चाह‍िए बल्‍क‍ि न ही करें तो बेहतर है, तंबाकू कई तरह से आपकी सेहत के ल‍िए हान‍िकारक है इसल‍िए इससे बचें। 
  • ज‍िन लोगों का वजन ज्‍यादा होता है उन्‍हें भी एस‍िड र‍िफ्लक्‍स की समस्‍या होती है, इसलि‍ए आपको वजन कम करने के उपाय जानकर उन्‍हें अपनाना चाहि‍ए।

अगर आपकी एसिडिटी की समस्या बार-बार बढ़ते जा रही है तो इससे बचाव के लिए आपको लुधियाना में कोलोनोस्कोपी से अपने पेट की जाँच को जरूर करवाना चाहिए।

निष्कर्ष :

पेट व दिमाग दोनों का हमारे शरीर में बहुत ही महत्वपूर्ण स्थान है, इसलिए जरूरी है की इनमे किसी भी तरह की समस्या आने पर आपको जल्द डॉक्टर के संपर्क में आना चाहिए और साथ ही उपरोक्त बातों का भी आपको खास ध्यान रखना चाहिए।