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Premature Birth: समय से पहले प्रीमैच्‍योर डिलीवरी को रोकने में जाने कैसे सहायक हैं इसके इलाज

Premature Birth: प्रीमैच्‍योर लेबर डिलीवरी क्या हैं ?

  • कुछ महिलाएं 9 महीने या प्रेग्‍नेंसी के 37वें हफ्ते से पहले ही बच्‍चे को जन्‍म दे देती हैं। इस स्थिति को प्रीमैच्योर लेबर (Premature Labor) कहा जाता है। यानि की डिलीवरी डेट से 3 हफ्ते पहले प्रसव होने को प्रीमैच्‍योर लेबर कहते हैं।
  • तो वहीं जब बच्चा बहुत जल्दी पैदा होता है, यानि गर्भावस्था के 37 सप्ताह पूरे होने से पहले। जितनी जल्दी बच्चा पैदा होता है, मृत्यु या गंभीर विकलांगता का जोखिम ऐसे बच्चे में ज्यादा पाया जाता है। 

कारण क्या है प्रीमैच्‍योर लेबर डिलीवरी के ?

प्रीमैच्‍योर डिलीवरी के कई कारण हो सकते हैं, जिनका प्रस्तुतिकरण हम निम्न में करेंगे..,

  • 18 से कम या 35 वर्ष से ज्यादा उम्र के बाद की गर्भावस्था का होना। 
  • पिछली गर्भावस्था में प्रीमैच्योर डिलीवरी का होना। 
  • गर्भ में जुड़वां या उससे ज्यादा भ्रूण का बनना। 
  • मधुमेह की समस्या। 
  • उच्च रक्तचाप। 
  • पोषक तत्वों में कमी। 
  • किसी प्रकार का संक्रमण जैसे यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन। 
  • आनुवंशिक प्रभाव भी इसका एक महत्वपूर्ण कारण माना जाता हैं। 

कारण जानने के बाद यदि आपको समय से पहले प्रसव होने वाला हैं, तो पेनलेस नार्मल डिलीवरी आपके लिए ऐसी अवस्था में सहायक सिद्ध हो सकती हैं। 

प्रीमैच्‍योर लेबर डिलीवरी के संकेत क्या हैं ?

इसके बहुत से संकेत हैं, जिनमे से कुछ को हम निम्न में प्रस्तुत कर रहें हैं..,

  • अचानक से पानी की थैली का फटना। 
  • वेजाइनल डिस्चार्ज। 
  • पेट के निचले हिस्से में ऐंठन। 
  • मतली और उल्टी। 
  • पेट में संकुचन। 
  • पीठ में दर्द। 
  • डायरिया या फिर उसके बिना भी पेट में तेज दर्द का होना।

यदि आपको प्रेगनेंसी के दौरान उपरोक्त संकेत दिखाई दे तो किसी अच्छे गायनोलॉजिस्ट का बिना समय बर्बाद किए चुनाव करें।

इलाज क्या हैं समय से पहले प्रसव या प्रीमैच्‍योर डिलीवरी को रोकने का ?

इसके कई इलाज हैं, जिससे की प्रीमैच्‍योर डिलीवरी को रोकने में हम सहायक सिद्ध हो सकते हैं, जैसे..,

  • यदि आपमें प्रीमैच्‍योर डिलीवरी का खतरा बनता हैं तो डॉक्टर इलाज के दौरान आपको हॉर्मोन ट्रीटमेंट देते हैं। जिससे की गर्भावस्था के 16वें से 37वें हफ्ते तक महिला के शरीर में प्रोजेस्ट्रोन नाम का हॉर्मोन स्थापित होता है।
  • जिन महिलाओं का गर्भाशय ग्रीवा कमजोर होने लगता है, उन्हें सर्वाइकल सेरेक्लेज ट्रीटमेंट दिया जाता हैं। 
  • समय से पहले प्रसव किसी संक्रमण की वजह से भी हो सकता है। तो ऐसे में डॉक्टर आपको एंटीबायोटिक लेने की सलाह भी दे सकते हैं।
  • स्टेरॉयड का इलाज गर्भाशय में डॉक्टर इसलिए करते है ताकि समय से पहले जन्म लेना वाला बच्चा सुरक्षित रह सकें। 
  • कुछ अनुभवियों का कहना हैं कि टोकोलाइसिस की दवाई के सेवन से प्रीमैच्‍योर डिलीवरी के खतरे को कुछ समय के लिए टाला जा सकता हैं। पर इस पर रिसर्च अभी चल ही रही हैं।

यदि आप समय से पहले प्रीमैच्‍योर की समस्या से निजात पाना चाहते हैं। तो आप किसी अच्छे गायनी हॉस्पिटल का चुनाव करें। इसके इलावा आप लुधियाना गैस्ट्रो गायनी सेंटर का चुनाव भी कर सकते हैं और इस समस्या के बारे में यहाँ के अनुभवी डॉक्टर कार्तिक गोयल और डॉक्टर शुचिता बत्रा से भी सलाह ले सकते हैं।

निष्कर्ष :

यदि आप समय से पहले होने वाले प्रीमैच्‍योर लेबर के संकेतो के बारे में जान चुके हैं। तो बिना समय गवाए किसी अच्छे डॉक्टर का चुनाव करके इस परेशानी से हल पाए और अपनी डिलीवरी को समय पर करवाए। बस इसमें आपको थोड़ी सी सतर्कता बरतने की जरूरत हैं ताकि बाद में आपको किसी भी समस्या का सामना न करना पड़े। 

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