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क्या है एंडोमेट्रोसिस? जिसके कारण अधूरा रह जाता महिलाएं के माँ बनने का सपना, जानिए एक्सपर्ट्स से क्या है इसकी असली वजह और इलाज

एंडोमेट्रोरिएस जैसी समस्या से भारत में भी कई महिलाओं झुज रही है | जिसकी वजह से गर्भधारण करने में आम परेशानियों का सामना करना पड़ जाता है । “क्या एंडोमेट्रियोसिस से पीड़ित महिला प्रेग्नेंट हो सकती है?”  आज कल के समय में यह सवाल बड़ी संख्या में रोगी महिलाओं  के जानकारों द्वारा पूछा जाता है। आइये जानें क्या है राय डॉक्टर सुचिता बत्रा के, जो की एमेरिटस हॉस्पिटल में  सीनियर डॉक्टर है और गायनेकोलॉजिस्ट और इनफर्टिलिटी में  एक्सपर्ट है | 

क्या है एंडोमेट्रोसिस ?

डॉक्टर सुचिता बत्रा ने बताया है की महिलाओं के गर्भाशय के अस्तर को एंडोमेट्रियम के रूप में जाना जाता है | 

महिलाओं में एंडोमेट्रियोसिस की समस्या का उजागर तब होता है, जब ओवरी,आंतों और पेल्विस अस्तर के टिश्यू  में एंडोमेट्रियल टिश्‍यू विकसित होने लग जाता है । समय बीतने के साथ-साथ ये टिश्यू और ब्लड अल्सर में तब्दील हो जाते है , जिसे यह अल्सर गर्भशय के अंगों को आपस में बांध लेती है | एक रिपोर्ट के मुताबिक करीब 40 प्रतिशत महिलाओं को इस समस्या की वजह से गर्भवती होने में बहुत दिक्कतों का सामना करना पड़ा है | आइए जानते है  एंडोमेट्रियोसिस के मुख्य लक्षण क्या है :- 

एंडोमेट्रियोसिस के मुख्य लक्षण

एंडोमेट्रियोसिस के मुख्य लक्षण है पेट में दर्द होना | यह दर्द तीव्र भी हो सकता और हल्का भी हो सकता है | आमतौर पर यह दर्द को आपके पेट, श्रोणि क्षेत्र और पीठ के निचले हिस्से में महसूस किया जा सकता है | हलाकि यह एक सामान्य स्थिति है जिसकी वजह  से कई लोगों में इसके लक्षण भी नज़र नहीं आते | कभी-कभी यह समस्या का  तब तक पता  नहीं चलता जब तक बांझपन जैसे समस्या का सामना न करना पड़ जाये | आइये जानते है महिलाओं द्वारा अनुभव किये गए एंडोमेट्रियोसिस के लक्षण के बारे में :- 

  • बहुत दर्दनाक तरीके से मासिक धर्म ऐंठन होना 
  • मासिक धर्म के बीच पेट का दर्द होना 
  • सम्भोग के दौरान दर्द होना 
  • मासिक धर्म के दौरान भारी रक्तस्राव या फिर  हल्का रक्तस्राव का होना 
  • बांझपन जैसी  समस्या 
  • दर्दनाक मल का त्याग 

 एंडोमेट्रियोसिस महिला के गर्भावस्था को  कैसे प्रभावित करती है

एंडोमेट्रियोसिस के कारण हुए बांझपन के कई कारण हो सकते है | एंडोमेट्रियोसिस द्वारा उजागर हुए हार्मोन, भ्रूण के विकास के लिए उत्पादित हुए आवश्यक हार्मोन पर प्रभाव डालती है | जिसके कारण कई महिलाओं को गर्भवती होने में परेशानी होती है | 

कुछ ऐसे जगह जहाँ एंडोमेट्रियोसिस विकसित हो सकते है जैसे की 

  • गर्भाशय के पीछे और बाहर 
  • फ़ेलोपीयन  ट्यूब में
  • अंडाशय में 
  • मूत्राशय में  
  • आंतो और मलाशय  में 
  • आपके पेट और श्रेणी के क्षेत्र में 

एंडोमेट्रियोसिस का कैसे करे उपचार 

यदि एंडोमेट्रियोसिस का इलाज या इससे जुड़ी कोई भी सलाह लेना चाहते हो तो आप प्रजनन विशेषज्ञ एमेरिटस हॉस्पिटल ले सकती है, यहाँ के सभी डॉक्टर्स गायनेकोलॉजिस्ट और इनफर्टिलिटी में एक्सपर्ट है | एंडोमेट्रियोसिस का निर्धारित रूप में जांच और इलाज करवाना बेहद ज़रूरी है |  इसीलिए समय पर इस समस्या की जाँच करवा लेनी चाहिए | 

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