कोलोनोस्कोपी क्या है ? इसकी जरूरत लोगों को कब और कैसे पड़ती है। क्या ये आंतरिक बीमारी को जानने में मदगार है और कैसे हम कोलोनोस्कोपी के बारे में तमाम जानकारी हासिल कर सकते है, इसके बारे में आज के आर्टिकल में चर्चा करेंगे ;
क्या है कोलोनोस्कोपी ?
कोलोनोस्कोपी एक ऐसी प्रक्रिया है जो डॉक्टर की मदद करती है बड़ी आंत के अंदर देखने में। इसके अलावा डॉक्टर इसमें स्कोप नामक उपकरण का उपयोग करते हैं। स्कोप में एक छोटा कैमरा होता है जो एक लंबी पतली ट्यूब से जुड़ा होता है, जिसे कोलोनोस्कोप कहा जाता है। यह प्रक्रिया डॉक्टर को सूजे हुए ऊतक, असामान्य वृद्धि और अल्सर जैसी चीजों को देखने की अनुमति दे सकती है।
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कोलोनोस्कोपी को कब करवाना चाहिए ?
यदि आपकी उम्र पचास साल से ऊपर हो तो आपको हर दस साल में एक कोलोनोस्कोपी कराने के लिए कहा जाता है। यदि आपके पास पेट के कैंसर का इतिहास है, तो आपको पहले और अधिक नियमित रूप से जांच करानी होगी। तो वही यदि आपको गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल असुविधा के कोई लक्षण हैं, तो आपको इस प्रक्रिया की भी आवश्यकता हो सकती है।
कोलोनोस्कोपी से पहले क्या किया जाता है ?
कोलोनोस्कोपी से पहले, आपको अपने कोलन (बड़ी आंत) को खाली करना होगा। और इसके बाद आपके बृहदान्त्र में कोई भी अवशेष परीक्षा के दौरान मलाशय का अच्छा दृश्य प्राप्त करना कठिन बना सकता है।
परीक्षा से एक दिन पहले एक विशेष आहार का पालन करें।
आपको अपनी कोलोनोस्कोपी से एक रात पहले रेचक (श्वास छोड़ना) लेने का निर्देश दिया जाएगा।
अपनी दवाओं के बारे में डॉक्टर को जरूर से सूचित करें।
कोलोनोस्कोपी के जोखिम कारक क्या है ?
उस स्थान से रक्तस्राव जहां ऊतक का नमूना (बायोप्सी) लिया गया था या पॉलीप या अन्य असामान्य ऊतक को हटाया गया था।
बड़ी आंत या गुर्दे की परत में कोई छिद्र या दरार।
परीक्षण के दौरान इस्तेमाल की गई सीडेटिव दवा का गलत रिएक्शन।
कोलोनोस्कोपी में परिणाम का क्या मतलब है ?
कोलोनोस्कोपी में परिणाम दो तरह के है या तो नकारात्मक या फिर सकारात्मक ;
“नकारात्मकता परिणाम” की बात करे तो इसमें 1 से 7 वर्षों में, विभिन्न कारकों पर निर्भर करता है कि हटाए गए पॉलीप्स की संख्या, आकार और प्रकार कितना है।
पांच साल बाद यदि आपका कोलोनोस्कोपी टेस्ट में आपके कोलन बड़ा हुआ मांस और अन्य अपशिष्ट मिले तो आपका डॉक्टर आपको 5 साल बाद भी परीक्षण करवाने की सलाह देगा।
“सकारात्मकता परिणाम” की बात करे तो यदि कोलोनोस्कोपी के दौरान कोलन में किसी प्रकार का असाधारण ऊतक या बड़ा हुआ मांस पाया जाता है तो समझ ले की इस परीक्षण का रिजल्ट पॉजिटिव में आएगा।
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कोलोनोस्कोपी को करवाने में कितना खर्चा आता है ?
भारत में एक कॉलोनोस्कोपी परीक्षण की कीमत 9525 से लेकर 22,225 रूपए के आस–पास आता है।
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निष्कर्ष :
यदि आपके बड़ी आंत में किसी भी तरह की परेशानी है तो एक बार अपने डॉक्टर से जरूर सलाह ले और उपरोक्त बातो का खास ध्यान रखे।