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ये एक बीमारी जो महिलाओं को डिलीवरी के बाद हो सकती है, नज़रअंदाज करने पर जा सकती है जान

दरअसल गर्भावस्था के बाद महिलाओं का शरीर बहुत ज्यादा कमजोर हो जाता है, इसलिए ज्यादातर महिलाओं को इंफेक्शन जैसी समस्याओं का खतरा बना रहता है। आमतौर पर गर्भावस्था और डिलीवरी यह दोनों ही एक महिला के लिए काफी चुनौतीपूर्ण होते हैं। बता दें कि एक महिला को जितनी समस्या गर्भावस्था के 9 महीने में होती है, उससे भी ज्यादा एक बच्चे को जन्म देने के बाद हो सकती है। इसलिए स्वास्थ्य विशेषज्ञ एक मां को अपना विशेष ध्यान रखने की सलाह देते हैं। पर क्या आप जानते हैं, कि डिलीवरी के बाद महिलाओं को प्रीक्लेम्पसिया जैसी गंभीर बीमारी भी हो सकती है। हालांकि इस तरह की समस्या होना बहुत रेयर है, लेकिन इसके बावजूद महिलाओं को डिलीवरी के बाद अपनी सेहत को लेकर किसी भी तरह की कोई लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए।

 

दरअसल प्रीक्लेम्पसिया महिअलों को गर्भावस्था के दौरान होने वाली एक गंभीर बीमारी है, जिस में आमतौर पर एक महिला को हाई ब्लड प्रेशर और पेशाब में प्रोटीन की मात्रा बढ़ जाती है। दरअसल यह गर्भावस्था के हाई ब्लड प्रेशर के साथ जुड़ा हुआ होता है। पर क्या यह एक महिला को डिलीवरी के बाद भी हो सकता है, अगर हां, तो इस समस्या के कारण क्या हैं और इस समस्या से अपना बचाव कैसे किया जा सकता है। तो आइये इस लेख के माध्यम से इसके विशेषज्ञों से इसके बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त करते हैं। 

 

क्या डिलीवरी के बाद प्रीक्लेम्पसिया जैसी बीमारी होना आम होता है?  

आमतौर पर महिलाओं को डिलीवरी के बाद होने वाली गंभीर बीमारी प्रीक्लेम्पसिया को पोस्टपार्टम प्रीक्लेम्पसिया के नाम से भी जाना जाता है। दरअसल यह संभव नहीं है, कि डिलीवरी के बाद महिलाओं को यह बीमारी हो। पर ऐसा बहुत ही रेयर मामलों में देखा जाता है, कि महिलाओं को गर्भावस्था के बाद पोस्टपार्टम प्रीक्लेम्पसिया जैसी गंभीर बीमारी होती है। जैसे कि इस बात का पहले ही जिक्र किया गया था, कि यह बीमारी गर्भावस्था के साथ जुड़ी हुई है।

 

बता दें कि कुछ महिलाओं को डिलीवरी के बाद यह बीमारी होने का खतरा हो सकता है। दरअसल डिलीवरी के 6 हफ़्तों बाद कभी-कभी इस तरह की स्थिति दिखाई दे सकती है। हालाँकि डिलीवरी के 48 घंटों के बाद ही महिलाओं में इस गंभीर समस्या के लक्षण दिखाई देने लग जाते हैं। आपको बता दें कि अगर किसी महिला को गर्भावस्था के दौरान प्रीक्लेम्पसिया नहीं भी हुआ है, पर फिर भी यह डिलीवरी के बाद एक महिला को परेशान कर सकता है। 

डिलीवरी के बाद पोस्टपार्टम प्रीक्लेम्पसिया के लक्षण

  1. हाई ब्लड प्रेशर

दरअसल डिलीवरी के बाद पोस्टपार्टम प्रीक्लेम्पसिया होने के कारण महिलाओं में 140/90 140/90 mm Hg या फिर इससे ज्यादा ब्लड प्रेशर हो सकता है।

 

  1. पेशाब में प्रोटीन की मात्रा का होना

आमतौर अगर गर्भावस्था के बाद के पेशाब में प्रोटीन की मात्रा बढ़ जाए, तो यह किडनी के खराब होने की ओर इशरा करता है।

 

  1. दर्द होना

ज्यादातर महिलाओं को पोस्टपार्टम प्रीक्लेम्पसिया की वजह से पेट के ऊपरी हिस्से, कंधे और पूरे शरीर में किसी न किसी तरह का दर्द महसूस होता रहता है, जिसकी वजह से वह तनाव में रहती हैं। 

 

  1. आंखों की रोशनी का प्रभावित होना

आपको बता दें कि पोस्टपार्टम प्रीक्लेम्पसिया की वजह से महिलाओं की आंखों की रोशनी भी प्रभावित होने लगती है। आमतौर पर फ्लैश लाइटिंग और प्रकाश के प्रति सेंसिटिविटी भी बढ़ सकती है। 

 

  1. सूजन

पोस्टपार्टम प्रीक्लेम्पसिया में दरअसल महिलाओं के चेहरे, हाथ, पैर और शरीर के अन्य हिस्सों में सूजन की समस्या आ जाती है।

 

  1. मतली और उल्टी

आमतौर महिलाओं को पोस्टपार्टम प्रीक्लेम्पसिया जैसी गंभीर समस्या होने पर उन को बार-बार मतली और उल्टी की समस्या हो सकती है।

 

  1. पेशाब में कमी

पोस्टपार्टम प्रीक्लेम्पसिया के मरीज में भी आमतौर पर पेशाब की एकसारता में कमी देखी जा सकती है।

 

  1. वजन कम होना

बता दें कि पोस्टपार्टम प्रीक्लेम्पसिया की वजह से महिलाएं अपने लाइफस्टाइल और डाइट में किसी तरह का बदलाव न करने के बावजूद उनका वजन अचानक और तेजी से कम होने लगता है। 

 

डिलीवरी के बाद प्रीक्लेम्पसिया के कारण

हालांकि एक महिला को डिलीवरी के बाद प्रीक्लेम्पसिया क्यों होता है, इसका सटीक कारण अब तक पता नहीं चल पाया है। आमतौर पर विशेषज्ञों के अनुसार, इसके लिए कुछ कारक जिम्मेदार हो सकते हैं। इसलिए यह बहुत ही ज्यादा जरूरी हो जाता है, कि आप गर्भावस्था के दौरान अपनी पूरी मेडिकल हिस्ट्री डॉक्टर के साथ शेयर करें। दरअसल अगर आपको हाई ब्लड प्रेशर की समस्या है, तो आप इसके बारे में अपने डॉक्टर को तुरंत बताएं। इसके साथ ही अगर आपको अपने शरीर में कोई भी असामान्य लक्षण नजर आएं, तो अपने डॉक्टर को इसके बारे में बताने में बिल्कुल भी देरी न करें। 

पोस्टपार्टम प्रीक्लेम्पसिया से जुड़े जोखिम

दरअसल अगर कोई महिला समय रहते डिलीवरी के बाद पोस्टपार्टम प्रीक्लेम्पसिया जैसी गंभीर समस्या का इलाज नहीं करवाती है, तो ऐसे में उसको कई तरह की गंभीर समस्याओं सामना करना पड़ सकता है। जैसे कि 

 

  1. लिवर और किडनी का स्थाई रूप से नुकसान होना। 
  2. मिर्गी के दौरे पड़ना। 
  3. लंग्स में अतिरिक्त फ्लूइड का जमा हो जाना। 
  4. स्ट्रोक की समस्या होना। 

निष्कर्ष : गर्भावस्था और प्रसव दोनों ही एक महिला के लिए बेहद चुनौतीपूर्ण होते हैं। गर्भावस्था के बाद महिला का शरीर काफी कमजोर हो जाता है। इसलिए, इस दौरान महिलाओं को संक्रमण जैसी समस्याओं का खतरा बना रहता है।प्रीक्लेम्पसिया एक गंभीर समस्या है, जो महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान और बाद में हो सकती है। बहुत कम मामलों में, गर्भावस्था के बाद महिलाओं को पोस्टपार्टम प्रीक्लेम्पसिया होता है। डिलीवरी के बाद पोस्टपार्टम प्रीक्लेम्पसिया में हाई ब्लड प्रेशर होना, पेशाब में ज्यादा प्रोटीन की मात्रा का होना, दर्द होना, आंखों की रोशनी का प्रभावित होना, सूजन, मतली और उल्टी होना जैसे लक्षण नज़र आते हैं। इस समस्या का समय पस इलाज न करवाने पर महिलाओं को लिवर और किडनी का खराब होना, मिर्गी के दौरे पड़ना, लंग्स में अतिरिक्त फ्लूइड का जमाव और स्ट्रोक जैसी गंभीर समस्याओं सामना करना पड़ सकता है। यह एक गंभीर बीमारी है, जिस को नजरअंदाज करने पर महिला की जान भी जा सकती है। इसलिए स्वास्थ्य विशेषज्ञ माँ को विशेष ध्यान रखने की सलाह देते हैं। अपने डॉक्टर को इस समस्या के बारे में बताने में बिल्कुल भी देरी न करें। अगर आपको भी गर्भावस्था के बाद प्रीक्लेम्पसिया जैसी कोई गंभीर समस्या है और आप इस समस्या से काफी ज्यादा परेशान हैं और आप इसका इलाज करवाना चाहते हैं तो आप आज ही अमेरिटस अस्पताल में जाकर अपनी अपॉइंटमेंट को बुक करवा सकते हैं और इसके इलाज के बारे में इसके विशेषज्ञों से जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।